rishi pranali lesson 5 notes श,स,ष, और ज,झ के प्रयोग अध्याय 5 hindi steno course
श,स,ष, और ज,झ के प्रयोग rishi pranali lesson 5 notes
व्यंजन श,स,ष और ज,झ
रेखाओं के अलावा एक छोटे वृत्त से भी बनते है यह वृत्त आरंभ,मध्य
और अंत तीनों स्थानों पर सुविधाजनक लगता है।
आरंभ में यह वृत्त केवल श,स,ष पढ़ा जाता है किन्तु मध्य
तथा अंत में यह वृत्त श,स,ष, ज तथा झ में से कोई भी व्यंजन के लिए लगाया जा सकता है। जब यह स वृत्त
किसी व्यंजन की सरल रेखा के आंरभ या बीच में आता है तो यह बायें से दायें की और
घड़ी की चाल के विपरीत दिशा में लिखा जाता है । यदि यह वृत्त वक्र रेखा के अंत
में आता है तो दायें से बायें को लिखा जाता है।
प्रारंभ तथा अंत में 'स' वृत्त -
- 1-सरल रेखाक्षरों के साथ 'स' वृत्त प्रारंभ तथा अंत में
बायीं ओर से लिखा जा ता है -
- 2-'स' वृत्त रेखा के साथ प्रारंभ
तथा अंत में भीतर लिखा जाता है
मध्य में 'स' वृत्त-
- 3-दो सरल रेखाक्षरों के बीच श्,स्,ष,ज
और झ का वृत्त बायीं ओर से लिखा जाता है
- 4- जब दो सरल रेखाक्षरों के मिलने पर कोण बन रहा हो तो 'स' वृत्त कोण से बाहरी ओर लिखा जायेगा-
- 5- जब 'स' वृत्त सरल और वक्र
रेखाक्षरों के मध्य में आ रहा हो तो 'स' वृत्त वक्र रेखाक्षरों के अंदर की ओर लिखा जाता है,
- 6-जब 'स' वृत्त देा वक्र
रेखाक्षरों के मध्य में आ रहा होता बीच में लिखा जाता है
- 7-जब एक 'स' की ध्वनि के बाद दूसरे श्,ष,स, ज, या
,झ में से कोई एक ध्वनित हो रहा हो तो पहले 'स' की रेखा पूरी बनाई जायेगी।
- 8-यदि किसी शब्द के प्रारंभ में व्यंजन 'स'
आधा आता है तो उसे अगले व्यंजन के स्वर के अनुसार लिखा जाता है -
'स' वृत्त एवं व्यंजन 'ल'
- 9-प्रांरभिक, मध्यवर्ती तथा अंतिम 'ल'
स के बाद आता है तो 'ल' वृत्त
की दिशा में ही लिखा जाता है
'स' वृत्त से पूर्व तथा बाद में स्वर-
- 10- यदि श, स,ष व्यंजन के पहले 'अ' या 'आ' का स्वर आ जाये तो आंरभ में एक छोटा सा डैश लगाकर फिर 'स' वृत्त लिखा जायेगा। अगर 'अ'
या 'आ' का स्वर 'स' के पहले नहीं आये और वहां कोई दूसरा स्वर आ जाये
तो 'स' व्यंजन की रेखा पूरी लिखी जायेगी।
- 11-यदि किसी शब्द के अंत में स व्यंजन में छोटी 'इ'
या बड़ी ई की मात्राआ जाये तो उस 'स' वृत्त के अंत में एक छोटा सा डैश लगा दिया जाता है तो उस 'स' व्यंजन में इ या ई की मात्रा लगी हुई समझी जायेगी।
- 12- यदि 'स' व्यंजन अकेला हो तो 'स' व्यंजन की रेखा पूरी लिखी जायेगी।
प्रारंभिक आकड़े वाले व्यंजनों में 'स' वृत्त
- 13-प्रारंभिक आंकड़े वाले व्यंजन अर्थात य,व,
और त्र के प्रांरभ में 'स' वृत्त आंकड़े के अंदर ही लगया जाता है।
'क्ष' का प्रयोग-
- 14-आशुलिपि Steno में 'क्ष' व्यंजन के लिए काई संकेत नहीं दिया गया बल्कि 'क' और ष वर्णें के मेल से क्ष पढ़ा जाता है अत: 'क्ष' की ध्वनि को लिखने के लिए - और o या स की ध्वनि का प्रयो ग किया जाता है। कभी कभी प्रारंभ में 'छ' रेखा से भी 'क्ष' की ध्वनि को पढ़ा जा सकता है-
'सह' व्यंजन का प्रयोग-
- 15- जब 'ह' संकेत क प्रारंभ में 'स' आ रहा हो तो उसी 'ह' को दुगुना कर दिया जाता है जिससे 'ह' के पहले 'स' वृत्त लगा हुआ समझा जायेगा।
- 16- यदि स से पूर्व 'अ' या 'आ' का स्वर आ जाये तो 'स' से पहले एक हल्का डैश लगा दिया जाता है
- 17-यदि रेखाक्षर 'स' और 'ह' के बीच में 'अ' या 'आ' स्वर के अतिरिक्त अन्य कोई स्वर आ रहा होतो रेखाकृति पूरी बनायी जायेगी।
आशुलिपि Steno में लिखकर अभ्यास करें-
- कमीज,उपवास,मालिश,नमस्ते,सफेदी,सोचना,सविता,आवाज,परेशान,कोशिका,राकेश,सुरंग,नजर,सदमा,शिल्प,क्षमता,मास्को,मीनाक्षी,सोखना,माचिस,शिव,सरल,गपशप,
- मनुष्य हौसले तथा साहस से काम करे, तो संसार की सभी वस्तु पा सकता है।
- इस संसार में इस दिशा में सोचने वाले लोग आपकी दृष्टि में कम ही होंगे।
- इंसान-इंसान को आपस में एक दूसरे की सेवा करने से ही खुशी व शांति मिलती है।
- सभा में भाग लेने के लिए आसपास के शहरों से समझ-नासमझ, शिक्षित, अशिक्षित सभी आ गये थे।
- इस देश में सबके सामने एक ही समस्या आती है कि इस देश की सामाजिक स्थिति कैसे सुधरें ।
- आपकी वजह से मैं आज देश की स्थिति संसदीय समिति के सामने नहीं रख सका।
- आज देश में अनेक भाषाएं हैं जो आपस में एक दूसरे की पोषक है शोषक नहीं है।
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