Rishi Pranali lession 4 notes त वर्ग तथा स, श,ष व्‍यंजन रेखाओं के दायें बायें प्रयोग । hindi steno course

त वर्ग तथा स, , व्‍यंजन रेखाओं के दायें बायें प्रयोग

हिन्‍दी स्‍टेनो में वर्ग तथा ,,रेखाक्षरों के दोहरे संकेत दिये गये हैं। इसका उद्येश्‍य सिर्फ रेखा को सुचारूता से लिखा जाना है। किन्‍ही परिस्थितियों में दोनों विकल्‍प सुविधाजनक होते हैं ऐसी स्थिति में प्रथम स्‍वर सूचक नियम के आधार पर रेखा का चयन किया जाता है।

वर्ग तथा ,, के अक्षर दाएं बाएं दोनों तरफ की रेखाओं से लिखे जाते है 

 

बायें वक्र का प्रयोग-

1-अकेले व्‍यंजन के पहले स्‍वर हो तो बायं वक्र   बनता हैं। 

  

2-,,तथा ह के पहले बायां वक्र   बनता हैं। 


 

3-ऊर्ध्‍वगामी रेखाक्षरों के बाद बायां वक्र   बनता हैं। 


4-अग्रगामी रेखाक्षरों के बाद बायां वक्र   बनता हैं। 


5-पहले तथा बाद में आने वाली अधोगामी रेखाओं के साथ बायां वक्र   बनता हैं। 


 

दाये वक्र का प्रयोग-

6-अकेले व्‍यंजन के बाद स्‍वर हो तो दायां वक्र   बनता हैं। 

 

7-अग्रगामी रेखाक्षरों के पहले दायां वक्र   बनता हैं। 


 

8-पहले तथा बाद में आने वाली अधोगामी रेखाओं के साथ दायां वक्र   बनता हैं। 


 

दायें -बायें वक्र का प्रयोग:

9-प्रारंम्भिक बायें वक्र के पहले स्‍वर हो तों बायां व‍क्र   बनता हैं। 

10- प्रांरभिक दायें वक्र के बाद स्‍वर हो तो दायां वक्र   बनता हैं। 


11- कई परिस्थितियों में दायें-बायें दोंनों वक्र सुविधाजनक रहते हैं -

 

 

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