Stenography की प्रमुख बातें जो अभ्‍यर्थी को जाननी चाहिए।

 Stenography की प्रमुख  बातें जो अभ्‍यर्थी को जाननी चाहिए।

  • रेखा गणित की रेखाओं पर आधारित यह विषय तथ्‍यपूर्ण, तर्कपूर्ण व सारगर्भित है। आड़ी- तिरछी, सरल व वक्र रेखाओं के संयोजन से शब्‍दों का निर्माण होता है। Stenography में दिशा का बड़ा महत्‍व होता है। व्‍यंजन रेखाओं की दिशा बदली तो पूरा अर्थ ही बदल जाता है। इसे पेंसिल से लिखा जाता है ताकि हल्‍का गाढ़ा रेखांकन स्‍पष्‍ट हो सके। इससे उनके अर्थ बदल जाते हैं।

  • Stenography की लिखावट में स्‍थान का बड़ा महत्‍व होता है। इसे लाईन के उपर, लाईन पर और लाईन काटकर लिखने से अलग-अलग भावार्थ निकलते हैं। साथ ही निर्धारित आकृति से छोटा बड़ा लिखने से भी अर्थ बदल जाता है। इसे यथोचित लिखना जितना कठिन है उससे ज्‍यादा पढ़ना और भी कठिन होता है। स्‍वयं का लिखा पढ़ पाना भी मुश्किल होता है। इसको बिना गुरू के नहीं सीखा जा सकता।


  • प्रारंभ में  रेखाकृति बहुत बड़ी होती है लेकिन जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं रेखाएं छोटी होती जाती है और अर्थ बढ़ते जाते हैं। सारे नियम आकृति को छोटा करने व गति को बढ़ाने के लिए ही होते हैं। सभी आंकड़ों, छोटे बड़े वृत्‍त  व चाप, अर्दीकरण ,द्विगुनीकरण, उपसर्ग, प्रत्‍यय  जुट शब्‍दा , क्रिया शब्‍द तथा वाक्‍यांशों  का उपयोग कर मानदण्‍ड के अनुसाररेखाकृति बनाने वाला विद्यार्थी एक वर्ष में निधार्रित गति 100 शब्‍द प्रति मिनट तक पहुंच जाता है। अधिकांश विद्यार्थियों को गति बढ़ाने के लिए धैर्य और लगन के साथ कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।

  • शुद्ध भाषा लेखन Stenography की नींव है। अच्‍छी भाषाशैली स्‍वरों का ज्ञान स्‍त्री/पुल्लिंग , बहुवचन की समझ बिना Stenography में सफलता संभव नहीं है। निंरतर अभ्‍यास ही इसका मूलमंत्र है। कड़ी मेहनत, लगनशील, पक्‍के इरादे व दृढ़ विचारों वाला विद्यार्थी ही इसमें सफल हो सकता है।👦👦👤