rishi pranali lesson 1 notes हिंदी आशुलिपि वर्णमाला अध्याय 1
Rishi pranali notes lesson 1 varnmala ! हिंदी आशुलिपि वर्णमाला
हिन्दी आशुलिपि की रचना स्वर और व्यंजनों की ध्वनि के आधार पर की गई है जिन्हें विशेष ज्यामितीय रेखागणितीय चिह्नों से प्रदर्शित किया गया है। प्रशिक्षार्थियों की सुविधा के लिए व्यंजन रेखाक्षर जोड़े से दिये जा रहे हैं जो हल्के और गहरे होते हैं। व्यंजन रेखाक्षरों को लिखने की एक निश्चत विधि है जिसे किसी भी स्थति में परिवर्तित नहीं किया जासकता। रेखाक्षरों को लिखते समय उनकी लम्बाई, गहराई एवं दिशा पर विशेष रूप से ध्यान रखना आवश्यक है।
सरल एवं वक्र रेखाक्षरों से बनी वर्णमाला
में निम्न वर्ग होते हैं, जिनमे क्रमश: व्यंजन आते हैं:
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rishi pranali lesson 1 notes ।। हिन्दी स्टेनो व्यंजन वर्णमाला अध्याय 1 |
रेखाक्षर : किसी भी व्यंजन को प्रदर्शित
करने वाली सरल अथवा वक्र रेखा को रेखाक्षर या व्यंजन संकेत कहते हैं। रेखाक्षर
तीन प्रकार के होते हैं जैसे:-
- अग्रगामी रेखाक्षर horizontal strokes : रेखा के समानान्तर बायें से दायें की ओर लिखे जाने वाले रेखाक्षरों का अग्रगामी या समतल रेखाक्षर कहते हैं जैसे :- क वर्ग, मवर्ग, न वर्ग, ड; तथा ज्ञ ।
- ऊर्ध्वगामी रेखाक्षर upward strokes :- नीचे से ऊपर की ओर लिखे जाने वाले रेखाक्षरों को ऊर्ध्वगामी रेखाक्षर कहते हैं जैसे:- य, र, ल, व, ह, ड़, तथा ढ़।
- अधोगामी रेखाक्षर downward strokes :- ऊपर से नीचे की ओर रेखा तथा लिखे जाने वाले रेखाक्षरों को अधोगामी रेखाक्षर कहते हैं जैसे :- च वर्ग, ट वर्ग, त वर्ग, प वर्ग,श, ष , स, ड़, ढ़, ल , र, ह तथा त्र ।
ध्यान दे विशेष नोट :-
- त वर्ग ,श,स,ष तथा त्र दोनों तरफ से लिखे जाते हैं।
- तीनों श,स, ष के लिए आशुलिपि में एक ही संकेत रखा गया है।
- आशुलिपि में ण के लिए न संकेत से ही काम लिया जाता है।
- ऋ आशुलिपि में र +ई =री या ऋ को मिलाकर बनाया गया है।
- क्ष व्यंजन क +ष=क्ष अर्थात क और
ष से क्ष संकेत का निर्माण किया गया है। कभी -कभी आरंभ में छ ध्वनि से भी इसे लिखा
जा सकता है।
- श्र के संकेत को बनाने के लिए स +र=श्र का उपयोग किया गया है।
- त्र व्यंजन आशुलिपि में त +र=त्र दोनों व्यंजनों को मिलाकर
लिखने से त्र व्यंजन बनाया गया है।
ज्यामितीय रेखा गणितीय आधार पर रेखाकृतियां
ऊर्ध्वगामी रेखाक्षर :- र, ड,ढ़,व, य, ह -30० कोण
अधोगामी रेखाक्षर :-च, छ, ज, झ, ह -- 60० कोण
अधोगामी रेखाक्षर :-ट, ठ, ड,ढ ---90०
कोण
अधोगामी रेखाक्षर-प,फ,ब,भ, --120० कोण
हिन्दी आशुलिपि रेखाक्षरों की लम्बाई :-
आशुलिपि में रेखाक्षरों को लिखते समय प्रत्येक रेखा चाहे वह सीधी हो
या वक्र की लम्बाई 3/4 तीन चौथाई से0मी0 होनीचाहिए।
आपने इस पोसट में देखा हिंदी आशुलिपि वर्णमाला ।
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